Monday, 17 June 2013

जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर, वो कितना सुन्दर होगा


नाम है तेरा तारण हारा, कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर, वो कितना सुन्दर होगा – 2

तुमने तारे लाखो प्राणी
यह संतो की वाणी है
तेरी छवि पर मेरे भगवन
ये दुनिया दीवानी है – 2
भाव से तेरी पूजा रचाओं, जीवन में मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर, वो कितना सुन्दर होगा – 2

सुरवर मुनिवर जिनके चरण में
निशदिन शीश झुकाते है
जो गाते है प्रभु की महिमा
वो सब कुछ पा जाते है – 2
अपने कष्ट मिटाने को तेरे, चरणों का वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा – 2

मन की मुरादें  लेकर स्वामी
तेरे चरण में आये है ,
हम है बालक , तेरे जिनवर
तेरे ही गुण गाते है – 2
भाव से पार उतरने को तेरे, गीतों का सरगम होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर, वो कितना सुंदर होगा – 2
नाम है तेरा तारण हारा ……

Saturday, 15 June 2013

धीरे - धीरे मोड़ तू इस मन को

धीरे - धीरे मोड़ तू इस मन को .. इस मन को तू इस मन को ..
मन मोड़ा फिर डर नहीं, कोई दूर प्रभु का घर नहीं ..

मन लोभी मन कपटी, मन है चोर ..
पल पल में कहते आये कछु और ..
कुछ जान ले, पहचान ले .. होना है अस्थिर नहीं ..
कोई दूर प्रभु का घर नहीं ।।१


जप-तप, तीरथ सब होते बेकार ..
जब तक मन में रहते, भरे विकार ..
नादान क्यों, बेभान क्यों, गफलत ऐसे अब कर नहीं ..
कोई दूर प्रभु का घर नहीं ।२


जीत लिया मन, फिर ईश्वर नहीं दूर ..
जान बूझ क्यों "कमल" बना मजबूर ..
अभ्यास से, वैराग्य से, है जग में कुछ दुष्कर नहीं ..
कोई दूर प्रभु का घर नहीं ।३

धुन - धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले ..

Monday, 3 June 2013

जय जय आरती शांति तुम्हारी

जय जय आरती शांति तुम्हारी
तोरा चरण कमल की जाऊं बलिहारी
विश्वसेन अचिरा जी के नंदा
शांतिनाथ मुख पूनम चंदा
४० धनुष सुवर्णमय काया
मृग लांछन प्रभु चरण सुहाया
चक्रवर्ती प्रभु पंचम सोहे
सोलहवा जिनवर जग सहू मोहे
मंगल आरती भोर ही कीजे
जन्म जन्म को लाहो लीजे
कर जोड़ी सेवक गुण गावे
सो नर नारी अमर पद पावे