अपने चरणों की भक्ति भगवान् मुझे दे दो ।
मैं भुला हुआ राही, नहीं कोई सहारा है ।
मझदार में हैं कश्ती, और दूर किनारा है ।
मुझे मंजिल मिल जाए, वो धाम मुझे दे दो ॥
इस जग से क्या लेना, मैं जग का सताया हूँ ।
ठुकरा के दुनिया को तेरी शरण में आया हूँ ।
प्रभु तेरा ही भजन करूँ, वह ज्ञान मुझे दे दो ॥
तेरे नाम की यह मस्ती मुझे ऐसी चढ़ जाए ।
पल पल तेरा नाम जपूँ, जो उल्फत बन जाए ।
खामोश रहूँ पी कर, यह जाम मुझे दे दो ॥
मैं भुला हुआ राही, नहीं कोई सहारा है ।
मझदार में हैं कश्ती, और दूर किनारा है ।
मुझे मंजिल मिल जाए, वो धाम मुझे दे दो ॥
इस जग से क्या लेना, मैं जग का सताया हूँ ।
ठुकरा के दुनिया को तेरी शरण में आया हूँ ।
प्रभु तेरा ही भजन करूँ, वह ज्ञान मुझे दे दो ॥
तेरे नाम की यह मस्ती मुझे ऐसी चढ़ जाए ।
पल पल तेरा नाम जपूँ, जो उल्फत बन जाए ।
खामोश रहूँ पी कर, यह जाम मुझे दे दो ॥
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